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Wednesday, October 13, 2010

मेरे लिए विजय का वह क्षण अद्भुत क्षण था - कृष्णा पूनिया


केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री डॉ0 सी.पी. जोशी ने की स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली एथलीट श्रीमती कृष्णा पूनिया को पांच लाख रुपये नकद पुरस्कार देने की घोषणा

नई दिल्ली । केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री डॉ0 सी.पी. जोशी ने दिल्ली में हो रहे 19 वें राष्ट्रमंडल खेलों में एथलेटिक्स में 52 साल बाद पहला स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली एथलीट श्रीमती कृष्णा पूनिया को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई देते डॉ0 जोशी ने उन्हें राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से पांच लाख रुपये नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। डॉ. जोशी ने बताया कि यह राशि एक दिसम्बर को जयपुर में एक सम्मान समारोह में प्रदान की जाएगी। उस दिन जयपुर में न्यूजीलैण्ड और भारत के बीच एक दिवसीय क्रिकेट मैच है और डॉ. जोशी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। डॉं. जोशी ने बुधवार को दिल्ली में अपने कृषि भवन स्थित कार्यालय में श्रीमती कृष्णा पूनिया से मुलाकात कर उन्हें इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी। डॉं. जोशी ने कहा कि उन्होंने देश का गौरव बढाया है। श्रीमती कृष्णा पूनिया की उपलब्धियां खिलाडियों के लिए प्रेरणादायी है। इस मौके पर श्रीमती कृष्णा पूनिया के पति और कोच वीरेन्द्र सिंह पूनिया उनके साथ थे।
राजस्थान के चूरू जिले के गागरवास गांव की रहने वाली श्रीमती कृष्णा पूनिया ने डॉ. जोशी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देश के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त कर मेरा राजस्थान की पहली महिला गोल्ड मेडलिस्ट एथलीट बनने का सपना पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि ‘‘मेरे लिए विजय का वह क्षण अद्भुत क्षण था’’। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि डॉ. जोशी के नेतृत्व में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन दूसरे खेलों के प्रोत्साहन के लिए भी इसी तरह आगे आता रहेगा। पांच लाख रुपये. की पुरस्कार राशि की चर्चा करते हुए स्वर्ण पदक विजेता ने कहा कि मै जोशी जी का आभार व्यक्त करती हूं कि उन्होंने मेरा ही नहीं सभी खिलाडियों का सम्मान किया है।

Saturday, October 2, 2010

थे मत आया


क्षेत्र के मूर्धन्य साहित्यकार श्री सत्यनारायण 'अमन' द्वारा चार दशक पूर्व लिखी गई 'थे मत आया' कविता आज के इस अवसरवादी परिपेक्ष्य में सटीक साबित हो रही है। आज अगर गांधीजी जिंदा होते तो ये माहौल देखकर खून के आंसू रोते-

गांधी जी चलग्या सुख पाया।
आ भ्रिस्टाचारी देख-देख,
काळा-बाजारी देख-देख,
ईं भाटां मारी भारत री
तस्कर-ब्योपारी देख-देख,
बा खोड़ पांवती दुख भया-
गांधीजी चलग्या सुख पाया।
ना तो अब धोळा भड ज्यांता,
छाती में राध पड़्यां सरती,
बीं डैण बापड़ै री आंख्या,
धरती में आज गड्यां सरती।

आ पटमेळी तो होणी ही,
चौड़ै आ ज्यांता परवाड़ा,
डभळी सी रोज भिळ्यां सरती,
इण कापडिय़ां री करतूतां,
छाती पर मूंग दळयां करती।
जे बापू कीं चूं-चां करता,
आडी देंता,
का चेलां नै कीं मोर-फोट जे
कै लेंता?

तो खद्दरिया,
स्हो कीं बिसरा,
सै भूल-भुला,
गुण-गाळ होय नै,
पल भर में,
कपड़ां स्यूं बारै हो लेंता,
औरंगजेब बण बापू नै,
खल्लै में पाणी प्या देंता,
ऐ नाकां चिणा चबा देंता।
गांधी-टोपी नै फाड़-फूड़,
टुकड़ा-टुकड़ा कर-
चरखै नै,
बाळण रै भाव बिका देंता।

ऐ कळछ-कळछ पड़ता सिगळा,
कळ-झळ कर भुं आयो बकता,
बापू नै कैंता-
'आं' री तो,
साठी बुध नाठी हुई आज,
म्हे साच कवां हां,
मानो सा।
इण री भगती में भंग पड़्यो,
गांधी री मत तो आंधी है,
ना देखै कीं आगो-पाछो,
ना भलै-बुरै रो ग्यान अठै,

जद ही तो ऐड़ा हाल हुया,
थे जाणो हो?
कण कियो देस नै खंड-खंड?
कण धरम-करम बरबाद कियो?
आ नीत अहिंसा है किण री-
जिण कारण इतरो रगत बयो?

आ सुणता जद,
तद के होंतो?
सै जाणै है।
बो आप डोकरो जाणै हो,
इण खातर आछो चल्यो गयो,
बो भर्यै भरम में चल्यो गयो।

जे रै ज्यांतो दो-च्यार बरस,
तो रंग ल्यांवती परवाई,
कै तो पंडत गांधी बणतो,
का गांधी करतो पंडताई।
पण फबगी अब,
बा आंख फूटगी,
पीड़ मिटी,
सै दूधां न्हाया सा होग्या,
ना पोत दियो,
ना भूंड मिली।

अब जड़ी मूरत्यां घर-घर में
सै तस्वीरां में गांधीजी,
अब राजघाट पर गांधी है,
बिड़लै-मिंदर में गांधी है,
ईं कास्मीर स्यूं लेकर कै-
कन्याकुमार तक गांधी है,
कै घणी कवूं
थे स्याणा हो
गांधी चेलां री चांदी है।

इसड़ा गांधी परणाम तनै,
सै समझै हैं इन्सान तनै,
पण हूं मानूं भगवान तनै,
इण खातर
हे भगवान!
तनै,
परणाम तनै, परणाम तनै!!
ओ आज जलम-दिन है थांरो,
आदर्स बण्यो म्हां सिगळां रो।
इण दिन माथै,
हूं अरज करूं
छोटी सी,
जे थे मान्या तो,

जुग-जुग तक अमर रवोला थे।
पूजैला और पुजावैला,
ऐ चेला-चांटी घर-घर जा,
गांधी री अलख जगावैला।

पण साची मान्या,
हरख-कोड,
ऐ कूड़ा लोग दिखाऊ है।
मत जीव डुलाया आं माथै,
जे जलम ले लियो अबकाळै,
तो माटी हुवै बिरान अठै,
अरदास करूं हूं बाबलिया,
थे सुणज्यो बैठ्या जठै-कठै।

ऐ न्होरा काढ बुलावै ला,
ऐ मोरां ज्यूं किररावै ला,
पण भूल-चूक ही भारत री-
धरती पर बापू मत आया।
यूं समझो मरग्या सुख पाया॥

कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए सदस्यता अभियान चलेगा: मील



श्रीगंगानगर । युवक कांग्रेस के श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित अध्यक्ष हनुमान मील ने कहा है कि कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर सदस्यता अभियान चलाया जायेगा। इसके लिए एक सप्ताह के अन्दर पंचायत, विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक बुलाई जायेगी। इस बैठक में युवक कांग्रेस को सक्रिय करने की भूमिका पर रूपरेखा तय की जायेगी। हनुमानगढ़ में आज संवाददाताओं से बातचीत करते हुए श्री मील ने बताया कि लोकसभा युवक कांग्रेस की प्रत्येक माह में बैठकें की जायेगी। बैठकों में होने वाले कार्यों की समीक्षा की जायेगी। श्री मील ने बताया कि हनुमानगढ़, संगरिया, पीलीबंगा, सूरतगढ़, श्रीगंगानगर, विजयनगर, पदमपुर इत्यादि क्षेत्रों का सघन भ्रमण कर युवक कांगे्रस को मजबूत बनाने और संगठन को सक्रिय किये जाने के सार्थक प्रयास किये जायेंगे। प्रैस वार्ता हनुमानगढ़ विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह, संगरिया के प्रतिनिधि कुलदीप, ओबीसी प्रकोष्ठ विधानसभा महासचिव अमित कासनियां, कांग्रेस सेवादल के मुख्य संगठक मनोज सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे। इससे पहले नवनिर्वाचित लोकसभा अध्यक्ष हनुमान मील के हनुमानगढ़ पहुंचने पर युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हनुमान मील का गर्मजोशी से स्वागत कर युवक कांग्रेस को मजबूत बनाने का संकल्प लिया।

Tuesday, September 28, 2010

किसानों को नहीं मिल रहा फसलों का पूरा मूल्य

श्रीगंगानगर । प्रदेश में आज खरीद केन्द्रों में अव्यवस्था के चलते किसानों को उनकी फसलों का पूरा मूल्य नहीं मिल पा रहा। प्रदेश सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। यह कहना है कि भाजपा नेता रामपाल जाट का। वे मंगलवार को विधायक राधेश्याम गंगानगर के निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि खरीद केन्द्र की व्यवस्था नहीं होने के कारण किसानों को उनकी फसलों का पूरा मूल्य नहीं मिल पाता। समर्थन मूल्य कम होने के कारण उन्हें आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। जाट ने कहाकि पिछले दिनों बरसात के कारण मूंग की फसल खराब हो गई, लेकिन सरकार ने इस ओर कोई गौर नहीं किया। संकट से घिरे किसानों की समस्या के समाधान के लिए प्रदेश सरकार को बार-बार अवगत करवाए जाने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। यदि राज्य सरकार इस तरह का रवैया अपनाती रही, तो आने वाले दिनों में किसान आंदोलन करने को विवश होंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से आयात के लिए जो पैसा विदेशों में दिया जा रहा है, उस पैसे को अगर किसानों को बिजाई के लिए दे दिया जाये, तो देश दलहनों के क्षेत्र में स्वावलंबी बन जायेगा। उन्होंने बताया कि पूर्व में एक कुण्टल नरमा और एक तोला सोना के भाव बराबर होते थे, आज सोना के भाव 19 हजार पचास रुपए से अधिक हैं।
श्री जाट ने अंदाजा लगाते हुए कहा कि प्रदेश में इस बार 9.48 लाख हेक्टेयर में मूंग की फसल बोई गई। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार मूंग का उत्पादन 3.95 लाख मैट्रिक टन होने की संभावना है। फसल खराब होने पर मूंग के भाव 1800रुपए प्रति कुण्टल से नीचे गिर रहे हैं। कृषि विभाग मंूग की फसल पर प्रति बीघा बिजाई पर कम खर्च मानता है जबकि खर्च अधिक आता है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों को स्थायी क्रय केन्द्र घोषित करके समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीद शुरू की जाये। पे्रस कॉन्फ्रेंस में पूर्व सांसद निहालचंद, भाजपा जिलाध्यक्ष महेन्द्र सिंह सोढी, भाजपा नेता शिव स्वामी, पंचायत समिति प्रधान बबलदीप कौर उपस्थित थी।

Monday, September 27, 2010

इंदिरा गांधी नहर परियोजना

रेगुलेशन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए जनसुनवाई कैम्प अक्टूबर, नवम्बर व दिसम्बर में

श्रीगंगानगर । इंदिरा गांधी नहर परियोजना के सतर्कता गुण नियंत्रण एवं रेगुलेशन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए माह अक्टूबर, नवम्बर व दिसम्बर-2010 में जनसुनवाई कैम्प आयोजित किए जाएंगे। अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता सतर्कता गुण नियंत्राण एवं रेगुलेशन इंदिरा गांधी नहर परियोजना बीकानेर ने बताया कि 4 व 18 अक्टूबर, 8 व 22 नवम्बर तथा 6 व 20 दिसम्बर-2010 को जन संसाधन विभाग के विश्राम गृह श्रीगंगानगर में जनसुनवाई कैम्प आयोजित किए जाएंगे। आयोजित शिविर में कोई भी किसान रेगुलशन से संबंधित अपनी समस्या दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक बताकर लाभ ले सकेंगे।

"हम आर्थिक एवं वैचारिक रूप से आज भी गुलाम"


भारत स्वाभिमान यात्रा के तहत सूरतगढ़ पहुंचे योग गुरु

सूरतगढ़ । बाबा रामदेव ने कहा कि हम भौगोलिक रूप से भले ही आजाद हो गए हैं, लेकिन आर्थिक एवं वैचारिक रूप से आज भी गुलाम बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि पहले एकमात्र विदेशी कम्पनी ईस्ट इण्डिया ही थी जबकि आज करीब 300 मल्टी नेशनल कम्पनियां देश को लूटने में लगी हुई है। वहीं देश के अरबों रुपये विदेशी बैंकों में जमा है, जिसे भारत में लाने की आवश्यकता है। बीसीयों प्रकार के टैक्स लगाकर लोगों को बेईमान बनाया जा रहा है। भारत स्वाभिमान यात्रा के तहत सूरतगढ़ पहुंचे योग गुरु ने अनाज मण्डी में रविवार देर शाम आयोजित हजारों लोगों की सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि श्रेष्ठ राष्टïर का निर्माण करना इस यात्रा का एकमात्र ध्येय है। भारत स्वाभिमान यात्रा के जनक व योग गुरु बाबा रामदेव ने राजयोग से राजरोग मिटाने का आह्वïान करते हुए कहा है कि पहले योग से देह के रोग मिटाए हैं, अब राजयोग से सत्ता में पनपे भ्रष्ट तंत्र को समाप्त करने का बीड़ा लोगों के सहयोग से उठाया है।
योग गुरु ने कहा कि आज जहां भ्रष्टïचार देश को खोखला कर रहा है वहीं मल्टीनेशनल कम्पनियां देशवासियों को लूटने में लगी हुई है। भारतीय भाषाओं को उच्च शिक्षा में अधिकार देने की जोरदार वकालत करते हुए योग गुरु ने कहा कि आज भी अंग्रेजी भाषा को महत्व दिया जा रहा है। जिस दिन भारतीय भाषाओं को उच्च शिक्षाओं में महत्व मिल जाएगा, उस दिन गरीब व किसान का बेटा भी आईएएस, इंजीनियर आदि होगा। योग गुरु ने कहा कि लोगतंत्र आज खतरे में है। विभिन्न षड्ïयंत्रों से घिरा हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर इसे सुधारा नहीं गया तो लोकतंत्र लुट जाएगा साथ ही षड्यंत्र का शिकार हो जाएगा। उन्होंने अफसोस जताया कि आज देश में समलैंगिकता, गौ हत्या, घर के सामने शराब की दुकान को कानूनी मान्यता दी जा रही है, जो किसी भी स्थिति से सही नहीं है। उपस्थित लोगों को बाबा रामदेव ने स्वदेशी अपनाने व नशा नहीं करने का संकल्प दिलाते हुए कहा कि हम ऋषि पुत्र हैं और ऋषि पुत्र कहीं शीशी (शराब) पुत्र न बन जाएं, इसके लिए हमें सचेत व संकल्पित रहना होगा। उन्होंने कहा कि सभी धर्मग्रन्थों में नशे को निषेध माना गया है। नशा सिर्फ और सिर्फ नाश का मार्ग है। नशे ने कभी किसी का भला नहीं किया। योग ऋषि ने अपना चैनल योग के साथ सेट करने का आह्वïन करते हुए कहा कि धर्म संस्कृति, सत्य, सेवा, भगवान, सभ्यता आदि के साथ जुड़ोगे तो कभी पतन नहीं होगा। नियमित योग का आह्वïन करते हुए उन्होंने कहा कि आज मुस्लिम समुदाय ने भी योग करने का फतवा जारी कर दिया है। योग से आत्मा व केन्द्र स्वयं के अस्तित्व से जुड़ जाता है और जब आदमी स्वयं में खो जाता है तो वह धोखा नहीं करता है। बाबा रामदेव ने कहा कि जिस सुबह भारत जाग जाएगा उस दिन सम्पूर्ण राष्ट का कायापलट हो जाएगा और भारतीय निरोग हो जाएंगे, उस दिन चिकित्सकों की लूट खसौट भी समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री को भी बोलना पड़ा है कि निजी चिकित्सालयों में मरीजों से लूट-खसौट हो रही है। योग ऋषि ने कहा कि महंगी चिकित्सकीय जांच व दवाइयों से बीमारी समाप्त नहीं होगी, लेकिन योग, ध्यान, प्राणायाम व व्यायाम से बीमारी जड़ से नष्टï हो जाती है। योग ऋषि बाबा रामदेव ने स्वयं के चुनाव लडऩे की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि वे किसी प्रकार का कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत स्वाभिमान यात्रा सिर्फ लोगों को जगाने के उद्देश्य से की जा रही है, न कि किसी राजनैतिक उद्देश्य को लेकर। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव लडऩे का उद्देश्य सिंहासन प्राप्त करना है। जबकि संत का सिंहासन सबसे बड़ा होता है। योग ऋषि ने कहा कि श्रद्धा व विश्वास के साथ श्रेष्ठ राष्ट का निर्माण करना ही इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि आज 100 करोड़ लोगों का विश्वास व श्रद्धा उनके साथ है इसलिए उन्हें अन्य किसी पद की लालसा ही नहीं है। अपने निर्धारित समय से करीब सवा दो घंटे देरी से बाबा रामदेव शाम 6.15 बजे जब मंच पर पहुंचे तो हजारों की भीड़ ने गगनभेदी जयघोष के साथ योग गुरु बाबा रामदेव का अभिनन्दन किया। करीब एक घंटे की सभा के दौरान बाबा रामदेव ने लगभग आधे घंटे तक विभिन्न योग क्रियाएं भी उपस्थित जनों को करवाई। उनका तेज गति से हिलता पेट देखकर सभी रौमांचित हो गए। सनातन धर्म की तरफ से प्रेम मुनि जी महाराज, सिख धर्म की तरफ से हरप्रीत चावला, मुस्लिम समुदाय की तरफ से शहर काजी गुलाम कादिर व ईसाई धर्म की तरफ से डी.आर. थॉमस ने योग ऋषि का अभिनन्दन किया। इसके अलावा विधायक गंगाजल मील, नगरपालिका अध्यक्ष इंजी. बनवारी मेघवाल, अतिरिक्त कलेक्टर एस.के. बुडानिया, व्यापार मण्डल अध्यक्ष दीपक भाटिया, पूर्व मंत्री रामप्रताप कासनिया, उप समिति के अध्यक्ष प्रभुदान गेधर, जसवीर सिंह, भैरूदान ठाकरानी, महिला समिति की अध्यक्ष उर्मिला शर्मा, बिमला शर्मा, अनुराधा गुप्ता आदि ने माला पहनाकर बाबा का स्वागत किया।

Friday, September 24, 2010

कभी भी ढह सकता है स्कूली भवन

श्रीगंगानगर । गांव ठाकरांवाली में सरकारी स्कूल का भवन ढहने के कगार पर है। पिछले कुछ दिनों में हुई जोरदार बारिश के कारण स्कूल भवन की छत में दरारें पड़ गई हैं। किसी अनहोनी की आशंका पैदा होने पर सरकारी स्कूल के बच्चों को मजबूरी में खुले आसमान के नीचे पढ़ाया जा रहा है। स्कूल भवन में दरारें आने की सूचना मिलने पर करणी सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष राजवीर गंगानगर स्कूल में पहुंचे। उन्होंने इस संबंध में प्रधानाध्यापक से बातचीत करते हुए शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से बातचीत कर वस्तु स्थिति से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से स्कूल के बच्चों को भवन में नहीं बिठाने का निर्णय लिया गया है। अधिकारियों ने भवन की मौके पर जाकर जांच करवाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि स्कूल के भवन की मरम्मत करवाने में अगर समय लगता है, तो वह इसके लिए आर्थिक सहयोग देने को तैयार हैं।