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Tuesday, September 28, 2010

किसानों को नहीं मिल रहा फसलों का पूरा मूल्य

श्रीगंगानगर । प्रदेश में आज खरीद केन्द्रों में अव्यवस्था के चलते किसानों को उनकी फसलों का पूरा मूल्य नहीं मिल पा रहा। प्रदेश सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। यह कहना है कि भाजपा नेता रामपाल जाट का। वे मंगलवार को विधायक राधेश्याम गंगानगर के निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि खरीद केन्द्र की व्यवस्था नहीं होने के कारण किसानों को उनकी फसलों का पूरा मूल्य नहीं मिल पाता। समर्थन मूल्य कम होने के कारण उन्हें आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। जाट ने कहाकि पिछले दिनों बरसात के कारण मूंग की फसल खराब हो गई, लेकिन सरकार ने इस ओर कोई गौर नहीं किया। संकट से घिरे किसानों की समस्या के समाधान के लिए प्रदेश सरकार को बार-बार अवगत करवाए जाने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। यदि राज्य सरकार इस तरह का रवैया अपनाती रही, तो आने वाले दिनों में किसान आंदोलन करने को विवश होंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से आयात के लिए जो पैसा विदेशों में दिया जा रहा है, उस पैसे को अगर किसानों को बिजाई के लिए दे दिया जाये, तो देश दलहनों के क्षेत्र में स्वावलंबी बन जायेगा। उन्होंने बताया कि पूर्व में एक कुण्टल नरमा और एक तोला सोना के भाव बराबर होते थे, आज सोना के भाव 19 हजार पचास रुपए से अधिक हैं।
श्री जाट ने अंदाजा लगाते हुए कहा कि प्रदेश में इस बार 9.48 लाख हेक्टेयर में मूंग की फसल बोई गई। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार मूंग का उत्पादन 3.95 लाख मैट्रिक टन होने की संभावना है। फसल खराब होने पर मूंग के भाव 1800रुपए प्रति कुण्टल से नीचे गिर रहे हैं। कृषि विभाग मंूग की फसल पर प्रति बीघा बिजाई पर कम खर्च मानता है जबकि खर्च अधिक आता है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों को स्थायी क्रय केन्द्र घोषित करके समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीद शुरू की जाये। पे्रस कॉन्फ्रेंस में पूर्व सांसद निहालचंद, भाजपा जिलाध्यक्ष महेन्द्र सिंह सोढी, भाजपा नेता शिव स्वामी, पंचायत समिति प्रधान बबलदीप कौर उपस्थित थी।

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